टोंक । राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को निवाई उपखण्ड के जोधपुरिया धाम के पुजारी परिवारों को बेदखल किये जाने से जुड़े मामले मे टोंक कलेक्टर को आदेश दिए है की याचिकाकर्ताओ के निर्माण को न तोड़े साथ ही दंडात्मक कार्यवाही न करें साथ ही अदालत ने याचिका कर्ताओ के अभ्यावेदन पर चार सप्ताह मे निर्णय करने के आदेश दिए है ।
न्यायाधीश अनूप कुमार दण्ड की एकलपीठ ने यह आदेश जोधपुरिया के देवनारायण मंदिर के पुजारी परिवार के सदस्य घासी गुर्जर व अन्य द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई सयुंक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है |
प्रार्थीपक्ष की और से याचिका मे बताया गया है की करीब 30 वर्षो से पीड़ित परिवार मंदिर माफ़ी की जमीन पर रह रहे है किन्तु वर्तमान मे ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा इनकी शिकायत स्थानीय प्रशासन को कर बगैर कोई सुनवाई का अवसर दिए इन पीड़ित परिवारों को स्थानीय प्रशासन इन्हे बेदखल कर रहा है व बार बार उपखण्ड अधिकारी इन्हे शांति भंग होने की आशंका के नोटिस देकर इन्हे परेशान कर रहा है |
प्रार्थीपक्ष का कहना था की पीड़ित परिवार ने टोंक कलेक्टर को भी अभ्यावेदन दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई व निवाई उपखण्ड के अधिकारी इन्हे बेदखल कर रहे है |

प्रार्थीपक्ष का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओ के विरुद्ध बेदखली की कार्यवाही पर कोई दडात्मक कार्यवाही पर रोक लगाने के आदेश दिए है |




